अजान पर उठे विवाद का एक स्वस्थ चिन्तन |

M

Mahender Pal Arya

Guest
अजान पर उठे सवाल ठीक है या नहीं ? एक चिंतन ||

अजान सुनने को लेकर भारत में चर्चा होने लगी जो पिछले दिन गायक सोनू निगम ने सवाल उठाया था, अबकी बार इलाहाबाद विश्विविद्यालय के उप कुलपति जी के द्वारा प्रशासन को लिखे पत्र बहुत चर्चा में हैं |

आखिर अजान क्या है जिसपर लोग आपत्ति कर रहे हैं ? इसका शाब्दिक अर्थ है बुलावा, किसे बुलाया जा रहा है ? नमाज पढने वालों को तो नमाज पढ़ते कौन मुसलमान |

अब सवाल यह है की क्या जहाँ मस्जिद है उस जगह के मुसलमानों को बुलाने के लिए इतनी उपर में माइक लगाने की क्या जरूरत ? क्या मस्जिद के आसपास गैर मुस्लिम नहीं रहते ? अगर गैर मुस्लिम रहते हैं तो आप फज़र {भोर} की अजान में उनके सोते अवस्था में उनके कान में यह शोर किस लिये ? यह मानव अधिकार के दायरे में ही है |

आप को नमाज पढने वालों को बुलाना है तो उन नमाजियों को बुलाएँ सबकी नींद ख़राब करने का अधिकार आप को किसने दिया ? यह मामला साधारण नहीं है बहुत ही गंभीर मामला है यह मामला कोर्ट का भी नहीं है यह मामला हर मानव कहलाने वालों का है | मानवता से जुडा यह मामला है की आखिर मानवता क्या है ? हर एक को अपनी आत्मा के सामान सब को जानना इसे मानवता कहते हैं |

जिस समय भोर में यह अज़ान लगते है या अजान पढ़ी जाती है उसी समय किसी मन्दिर की कोई आवाज़ मुसलमान सहन करेंगे ? इसकी पड़ताल इसी से ही होना सम्भव है | जब मुसलमान उस वक्त मन्दिर की आवाज को सुनना नहीं चाहते तो अपनी मस्जिद की आवाज़ किसी को किस लिए सुना रहे हैं ?

यह एक मानवीय बात है और निष्पक्ष भी है, यह तो हर एक को अपने आप ही सोचना और विचार करना चाहिए | इसमें विरोध करने की बात ही कहाँ है और विरोध भी किस लिए करें ? इसे तो अपने आप ही सोचना समझना चाहिए था | इसपर कहीं कोई कुलपति जी का पुतला फूंका जा रहा है कहीं कोई गर्दन ऊँचा कर के भाषन दे रहे हैं, किस लिए यह सब हो रहा है ?

सही पूछिये तो वर्तमान समय में भारतीय मुसलमान हिन्दुओं को परेशांन और विरक्त करने के लिए जान बूझकर ही यह काम करते आ रहे हैं, पहले कोई हिन्दू इसका विरोध नहीं करता था आज हिन्दू जुबान खोलने लगे हैं यही तो नया भारत की पहचान है |

मेरे विचार से इन सच्चाई का विरोध करने वाले मुसलमानों को अगर विरोध करना था तो चीन का विरोध करते जहाँ मस्जिद में अजान तो क्या देते उसी मस्जिद को शौचालय में परिवर्तन कर दिया है चीनी सरकार ने उसका विरोध क्यों नहीं करते मुसलमान ?

भारत में मुसलमान तो मात्र वही काम करते हैं जिस काम से हिन्दू आहत हो दु:खी हो या परेशान हो कर कुछ कहे फिर हम संघवद्ध तरीके से दंगा करें | यह एक जीता जागता साजिश के तहत सारा काम मुसलमानों द्वारा किया जा रहा है जो खतरा से खाली नहीं है |

भारत सरकार को चाहिए चीन जैसा व्यवहार इन भारतीय मुसलमानों के साथ करना जैसे को तैसा जवाब चीन ने दिया तो किसी भी मुसलमानों का हिम्मत नहीं हुई किसी ने जुबान तक खोलने की हिम्मत नहीं दिखाई कारण {टिट फॉर टेट}भारत सरकार को भी इसे अपनाना पड़ेगा तभी यह समाधान होना है | महेन्द्र पाल आर्य =18 /3 /21 =

Continue reading...
 
Top