उप राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी के सुर कब बदलेंगे ?

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Mahender Pal Arya

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उप राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी के सुर कब बदलेंगे ?
आज के दिनों में कई लोगों के सुर बदल गए || अब सुर उनके बदले हैं जो कभी, अपने बच्चों के लिए भारत में रहना खतरा बता रहे थे | आज के दिन अफगानिस्तान में इस्लाम का नंगा नाच देखकर उनका विरोध करने लगे | यही तो महानता है भारत की तथा भारत की मर्यादा की इस देश में जो आये इसी देश का हो कर रह गये इसके बाद भी कुछ नामाकुल लोग इसी भारत में रहकर भारत का विरोध करते हैं |
जैसा यही नसीरुद्दीन शाह इस्लाम के खिलाफ काम करते हैं फिल्म जगत में हैं जो इस्लाम में बिलकुल हराम है इसके बाद भी इस्लाम के पैरोकार बनकर भारत का विरोध कर रहे थे और यहाँ तक कह रहे थे की अब इस भारत में रहना मुसीबत हो गया हमारे बच्चे अपनी दूकान नहीं चला पाएंगे आदि | वही नसीरुद्दीन शाह अब उन तालिबानीयों का विरोध करने लगे |
जिस भारत ने उन नसीरुद्दीन शाह को फिल्म जगत से पहचान दिया वही नसरुद्दीन शाह इसी भारत में रहना खतरा बता रहे थे, अब उन्हें इस्लाम का असली चेहरा इन तालिबानियों को देख कर समझ में आ गया | जब की यह इस्लाम अपने जन्म काल से ही धरती को मानवों के खून से रंगा है | इस्लाम के नाम से तो अपने सगे सम्बन्धियों को भी मौत के घाट उतारा यह कोई नई बात नहीं की अबुजहल को किसने मारा और किस लिए मारा ?
इस्लाम के नाम से एक दो नहीं बल्कि 27 लड़ाईयाँ लड़ी यहाँ तक के अपनी दांत भी तुडवाये, इसके बाद भी इस्लाम को शांति का धर्म कहा जाना क्या यह अपने आप में असत्य नहीं है ? इसके बाद भी जो लोग इस्लाम का रट लगा रहे हैं उन्हें सच्चाई का कुछ भी पता नहीं | ऐसे और भी बहूत लोग हैं जो भारत में रहकर इस्लाम की रट लगाये हुए हैं अब उन्हें भी यह भारत जैसा देश में अशांति लगने लगा है, जब के उन्हें किसी ने भारत में ज़बरदस्ती रोका भी नहीं | रास्ते खुले हैं भारत से ज्यादा शांति वाला मुल्क कौनसा है वहां इन्हें चले जाना चाहिए था |
अब देखें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाय को राष्ट्रिय पशु घोषित किया है मैं उन जजों को धन्यवाद देता हूँ और तहे दिल से उनका शुक्रिया अदा करता हूँ | अब लखनऊ के नदवातूल उलमाए हिन्द के मुफ़्ती फिरंगी महली ने भी इसका समर्थन किया है | जोलोग गौकशी करना अपना धर्म मान रहे थे अब वही लोग गाय को राष्ट्रिय पशु मानने को तैयार हो गये, इसे कहते हैं धर्म की जय, यह बातें हमारी और आप की नहीं है अपितु यही शास्त्र है हमारा | सत्यममेव जयते इसे कहा गया है आज लोग उसी सत्य को कुबूल करने में आमादा हो रहे हैं, सत्य को कब तक छुपाकर रखेंगे भला ? महेंद्र पाल आर्य 3 /9/21

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