हिन्दू कहलाने वाले अगर सुधर जाएँ तो ||

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Mahender Pal Arya

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हिन्दू कहलाने वाले अगर सुधर जाएँ तो ||
सत्य सनातन वैदिक धर्म ही मानव मात्र का एक ही धर्म है – दूसरा कोई धर्म मानवों के लिए नहीं हो सकता जिसे अबतक प्रमाणित किया जा चूका है |

दुर्भाग्य तो यह है की खुद हिन्दू कहलाने वालों को ही यह जानकारी नहीं है और न सत्य सनातन वैदिक धर्म को हिदुओं ने अपने जीवन में उतारा है | अगर हिन्दू ही इसे जानते और इसपर चलते तो आज दूसरों को कहने का अवसर नहीं मिलता |

हिन्दू ही वेद विरुद्ध आचरण करता है, हिन्दू ही अपने महापुरुषों के मर्यादा को नहीं जाना विशेष कर योगेश्वर श्रीकृष्ण जी को हिन्दुओं ने ही बदनाम किया है |

श्रीकृष्ण जैसे एक महामानव को हिदुओं ने ही माखन चोर कहा – अगर सिर्फ कहते तो भी बात होती इन हिन्दुओं ने दुनिया वालों को हरसाल जन्माष्टमी में इसे हांड़ी फोड़ कहकर जनमानस में प्रचारित करने वाले यही हिन्दू ही हैं |

हिन्दुओं ने ही श्रीकृष्ण जी को चूड़ी बेचने वाला बताया रस लीला रचाने वाला बताया, महिलाओं का कपड़ा उठाने वाला महिलाओं का कपडा लेकर पेड़ पर चढ़ाया इन्ही हिन्दुओं ने | इन्ही हिन्दुओं ने श्रीकृष्ण के 16 हज़ार 108 पत्नियाँ थीं बताया | इससे भी हिन्दुओं का मन नहीं भरा अपने मामी के साथ गलत रिश्ता था बताया |

मैं पूछना चाहता हूँ हिन्दुओं से क्या श्रीकृष्ण जी का ऐसा चरित्र था किसी मुसलमानों ने या ईसाइयों ने बताया है ? हिन्दू कहलाने वाले अगर अपने को सत्यता के साथ जोड़ते और योगेश्वर श्रीकृष्ण चरित्र को ऋषि बंकिम चन्द्र जी की लिखी पुस्तक को ही पढ़ लेते तो आज दुसरे लोग हिन्दुओं पर ऊँगली नहीं उठा सकते |

दुर्भाग्य की बात तो यह है की यह सभी काम हिन्दू कहलाने वाले ही कर रहे हैं गीता प्रेस गोरख पुर से प्रकाशित श्रीकृष्ण जी की किसी भी किताब में आप पढ़ सकते हैं | जब हिन्दू ही अपने महापुरुष को बदनाम करने में ही तुले हैं तो यही हिन्दू दुसरो को कहने लायेक कहाँ है ?

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